आज की Badhiya Si Kahani चिंटू जी की आवारागर्दी की कहानी पर आधारित है।आप भी इस जीवंत वृत्तांत का आनंद उठाएं। स्कूल की पढ़ाई खत्म होते ही शहर के कॉलेज में चिंटू जी का दाखिला हुआ, हॉस्टल में रहना पड़ा। यहीं से उनकी अवारागर्दी का सफर शुरू हुआ।
Badhiya Si Kahani: कॉलेज में पहला दिन
चिंटू जी की उम्र तब कुछ सोलह सत्रह साल की रही होगी, जब वह कॉलेज में दाखिल हुए। मासूमियत से भरपूर चेहरा, सर पर तेल चुपड़ा हुआ और सधे कदमों से चलते हुए चिंटू जी ने एक बड़े से अंग्रेजों के जमाने के कॉलेज में प्रवेश किया। प्रवेश करते हुए चिंटू जी काफी उत्सुक नजर आ रहे थे, क्योंकि आज उनका कॉलेज में पहला दिन था। उसका यह रुप देखकर कुछ सहपाठी हंस रहे थे। जिस कारण चिंटू जी कुछ असहज महसूस कर रहे थे। कुछ बड़ी कक्षा के छात्रों ने उन्हें रोक लिया और रैगिंग करते हुए उनसे प्रश्न करने शुरू कर दिए। जल्द ही, चिंटू जी का नामकरण उनके रुप के अनुकूल चम्पू जी हो गया।
Badhiya Si Kahani: चिंटू जी के रूममेट
अक्सर सहपाठी चिंटू जी के सीधे स्वभाव के कारण उनको चम्पू कहते थे। घर से शहर दूर होने के कारणवश चिंटू जी को हॉस्टल में रहना पड़ा। यहाँ भी उनका स्वभाव उनको मजाक का पात्र बनाता रहा। उनके रूममेट चार लड़के थे। जिसमें से तीन तो चिंटू जी की तरह ही सीधे थे, परन्तु एक लड़का काफी बिगड़ा हुआ था। उस बिगड़े हुए लड़के को छोड़ कर चिंटू जी का तालमेल अपने रूममेट के साथ काफी अच्छा था। वह बिगड़ा लड़का चिंटू जी और बाकि तीनों लड़कों का मजाक आए दिन उड़ाता रहता था। नए होने के कारण, सब से ज्यादा उसके शिकार चिंटू जी ही होते थे।
Badhiya Si Kahani: बिगड़ा हुआ दोस्त
बिगड़ा लड़का रोज रात को 10 बजे के आसपास कमरे में से चला जाता और रात को 2 बजे के आसपास वापिस आता था। इस से चिंटू जी और उनके बाकि मित्रों को पढ़ने का मौका मिल जाता था। उनके मन में एक कोतुहल भी था कि वह बिगड़ा लड़का रात को कहाँ जाता है, जबकि हॉस्टल का गेट तो रात साढ़े आठ बजे ही बंद हो जाता है। मन में कई प्रश्न उठते, किन्तु वे सब इस बारे में उस लड़के से कुछ नहीं पूछते थे।
एक दिन उस बिगड़े लड़के ने चिंटू जी और उनके दोस्तों को ताना दे कर कहा कि तुम लोग तो किताबी कीड़े हो। तुम लोग क्या जानो! आजादी किसे कहते हैं? कॉलेज में आकर भी अगर पढ़ना ही है, तो अपनी जिंदगी कब जियोगे?
Badhiya Si Kahani: टोकरी में खराब सेब
पहले तो सब दोस्तों ने उसकी बात पर ध्यान नहीं दिया, लेकिन कुछ दिनों बाद जैसे एक मछली पूरे तालाब को गंदा कर देती है, वैसे ही चिंटू जी और उनके दोस्तों के मन में जानने की तीव्र उत्कंठा उन्हें विवश करने लगी कि देखें तो सही यह किस आजादी की बात कर रहा है। पूछने पर उस लड़के ने बताया कि वह रोज रात को हॉस्टल से बाहर घूमने जाता है और अपनी जिंदगी का आनंद उठाता है।
चिंटू जी और उनके दोस्तों को ये बात ठीक नहीं लगी, किंतु फिर भी वे लोग उस लड़के के साथ रात को डिनर के बाद बाहर घूमने गए। वे लोग रात को साढ़े आठ बजे हॉस्टल का गेट बंद होने से पहले ही वापिस आ गए।
Badhiya Si Kahani: चिंटू जी आवारागर्दी शुरू
जिंदगी संवारने में बरसों लग जाते हैं, किंतु उसे बिगाड़ने में एक ही पल लगता है। चिंटू जी और उनके दोस्तों को बाहर घूमना अच्छा लगा। अगले दिन उस बिगड़े लड़के के कहने पर वे चारों दोस्त उस के साथ रात को दस बजे हॉस्टल की दीवार फांद कर बाहर घूमने चल दिए। गर्मी की रात को बाहर की ठंडी हवा उन लोगों को अच्छी लग रही थी। उन लोगों को लगा कि यह बिगड़ा लड़का सही कह रहा था। कॉलेज आने का मतलब ही आजादी होता है। इसके बाद तो, सारी जिंदगी नौकरी और गृहस्थी की जिम्मेदारियों में ही व्यतीत हो जाएगी। ये ही ख़ुशी के पल हैं तो इन्हें जी भर क्यों ना जिया जाए।
Badhiya Si Kahani: पुलिस ने पकड़ा
इन्हीं ख्यालों में रात के एक बजे गए। तभी एक पुलिस वाले ने उन सब को देखा और रोक लिया। वे बिगड़ा लड़का तो पुलिस को देखते ही भाग गया, लेकिन चिंटू जी और उनके दोस्त पकड़े गए। वह पुलिस वाला चिंटू जी और उनके दोस्तों को थाने ले गया। अब तो चिंटू जी और उनके दोस्तों की हालत खराब हो गयी। थाने में स्टेशन हाउस अफसर (SHO) ने उनसे पूछा कि तुम लोग रात को कहाँ घूम रहे हो। चिंटू जी और उनके दोस्तों ने सब सच बता दिया। SHO ने उन सब को एक हवालदार को सौंप दिया और दूसरे कामों में लग गया।
Badhiya Si Kahani: हवलदार ने ली क्लास
वह हवालदार एक मोटी तोंद और लम्बी मूछों वाला रुआबदार आदमी था। उसको देखते ही उन चारों दोस्तों की हालत और भी ज्यादा बिगड़ गई। हवालदार ने उन दोस्तों को धमकाना शुरु किया कि अब तो तुम्हारी जिंदगी बर्बाद हो गई। तुम्हारे हॉस्टल में और घर पर जब ये पता लगेगा कि तुम लोग रात को आवारागर्दी कर रहे हो तो क्या होगा? अभी बचपना ही तो था, वे दोस्त रोने लगे। उनको रोता देख कर वे हवालदार उनको और डराने लगा। चिंटू जी तो अपने ख्यालों में सोच रहे थे कि किस घड़ी में उस बिगड़े लड़के की बातों में आकर वह रात को हॉस्टल से बाहर निकले थे।
Badhiya Si Kahani: मुश्किल से छूटे
काफी देर तक उनको डराने और समझाने के बाद, उस हवालदार ने SHO से पूछ कर उन चारों दोस्तों को छोड़ दिया और कहा कि अगली बार अगर रात को पकड़े गए, तो हॉस्टल और घर पर खबर कर दी जायगी। तुम लोग मासूम लग रहे हो। अभी हम तुम लोगों को छोड़ रहे हैं, किन्तु आगे से ये गलती ना हो। चिंटू जी और उनके दोस्त उस हवालदार का धन्यवाद करते हुए अपने हॉस्टल को चले।
Badhiya Si Kahani: मिल गया सबक
जैसे ही वे हॉस्टल जाने के लिए बाहर निकले सबकी आंखों में शर्मिंदगी थी, एक दूसरे से बात करते हुए उनका डर साफ नजर आ रहा था, कहीं घरवालों को पता चल जाता तो क्या होता? उन सब ने आपस में प्रण किया कि आज के बाद कभी ऐसी गलती नहीं होगी। हॉस्टल के पास ही उनको वह बिगड़ा हुआ लड़का मिला और हंस कर उनसे बोला, आज तो मामा लोगों से तुम सबकी मुलाकात हो गई! आहिस्ता आहिस्ता उनसे दोस्ती भी हो जाएगी। कैसा रहा? आज का दिन! मजा आया ना कल फिर चलेंगे। चिंटू जी और उनके दोस्तों ने अपना सबक सिख लिया था। अब वे उस बिगड़े हुए लड़के की बातों में नहीं आने वाले थे।
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