Majedar Comedy Kahani | बदतमीज चिंटू जी

वैसे तो, अगर आप चिंटू जी के वर्तमान जीवन को देखेंगे, तो उनसे सुलझा हुआ इंसान आपको नजर नहीं आएगा। हमारी आज की Majedar Comedy Kahani, में चिंटू जी के भूतकाल में छिपा एक बदतमीज़ इंसान है जो मस्त मौला के साथ हाजिर जवाब था, लेकिन आज भाग्य को कुछ और ही मंज़ूर है।

Majedar Comedy Kahani: चिंटू जी की दिनचर्या

अब तो चिंटू जी सुबह 6 बजे उठ कर सबसे पहले अपना बिस्तर संवारते हैं। आधे घंटे के लिए पार्क में सैर करने जाते हैं। आते ही, दाढ़ी बना कर जल्दी से स्नान कर लेते हैं। 15 मिनट में पूजापाठ करके, साढ़े सात बजे तक नाश्ते की मेज पर आकर अख़बार पढ़ते हुए चाय नाश्ता करते हैं। इसके बाद ऑफिस के लिए निकल जाते हैं और समय से कुछ पूर्व ही ऑफिस पहुंच जाते हैं। ऐसा प्रतीत होता है, भूतकाल में जल के सरोवर की गहराइयों में जो हलचल और झंझावात हो रहे थे, आज वह शांत हो गए।

In Majedar Comedy Kahani an animated man's morning routine is shown.
Majedar Comedy Kahani: बदतमीज चिंटू जी

Majedar Comedy Kahani: शांत चिंटू जी

ऑफिस से 5 बजे निकल कर, रास्ते में घर आते हुए, चिंटूजी फल, सब्जी और दूध आदि भी लेकर आते हैं। साढ़े छः बजे तक घर पहुंच कर, शाम की चाय हल्के नाश्ते के साथ करने के बाद, पत्नी के साथ घर के कामों में मदद करते हैं। रात का खाना टीवी देखते हुए नो बजे तक करने के उपरांत, चिंटू जी बच्चों की पढ़ाई की जानकारी लेते हैं और उनका होमवर्क करवाने में मदद करते हैं। ग्यारह बजे तक चिंटू जी के घर की सब लाइट बुझ जाती हैं और वह सोने के लिए चले जाते हैं। इस वृतांत से तो ऐसा लगता है, कि चिंटू जी कितने शालीन और समझदार इंसान, जिन्हें अपनी जिम्मेदारियों का एहसास है।

Majedar Comedy Kahani: चिंटू जी का भूतकाल

चिंटू जी के वर्तमान को देख कर, कोई कह सकता है कि ये किसी बदतमीज इंसान की कहानी है। हम अपनी बात की सत्यता को प्रमाणित करने के लिए आपको चिंटू जी के भूतकाल में लेकर चल रहे हैं। तभी तो आपको पता लगेगा, कि शादी आदमी के लिए क्यों जरुरी है! बात की शुरुआत हम चिंटू जी के स्कूल के दिनों से करते हैं। पढ़ने लिखने में होशियार, चिंटू जी हमेशा परीक्षा में अच्छे नंबर लाने के बाद भी स्कूल में अध्यापकों की नजरों में खटकते थे।

Majedar Comedy Kahani: चिंटू जी से नाखुश शिक्षक

अध्यापकों की नाराजगी का कारण चिंटू जी का अजीब सवाल पूछना और अगर कोई अध्यापक प्रश्न पूछे, तो चिंटू जी का लाजवाब करने वाला उत्तर देना। लगभग हर रोज ही चिंटू जी स्कूल देर से पहुंचने के कारण सजा पाते थे। नाख़ून बड़े रहते थे और स्कूल पहुंचने से पहले ही उनकी वर्दी गन्दी हो चुकी होती थी। अक्सर चिंटू जी क्लास में सोये हुए पाए जाते थे। इस सब के बावजूद, परीक्षा में क्लास में अव्वल आ जाते थे।

Animation of teacher and students in the classroom.

Majedar Comedy Kahani: हाजिरजवाब चिंटू जी

एक दिन क्लास में, अध्यापक ने चिंटू जी से प्रश्न किया कि ‘अक्ल बड़ी या भैंस?’ हाजिर जवाब चिंटू जी ने उत्तर दिया – “भैंस”। उत्तर सुन कर अध्यापक सोचने लगे, अव्वल आने वाला चिंटू ये क्या बोल रहा है? फिर उन्होंने ने, पूछा वे कैसे? चिंटू जी ने कहा, “मैं कई बार भैंस के पास गया हूँ”, लेकिन उसने तो मुझ से कभी यह प्रश्न नहीं पूछा, क्योंकि उसे यकीन है कि वे ही बड़ी है। जिसको यकीन ना हो वे ही तो प्रश्न करेगा। जिसके पास अक्ल होती है, उसी को शक होता है कि कहीं भैंस अक्ल से बड़ी तो नहीं। चिंटू जी का उत्तर सुन कर अध्यापक अवाक् रह गए और पूरी कक्षा हंसने लगी।

Majedar Comedy Kahani: शिक्षकों ने की तोबा

ऐसे ही एक दिन अंग्रेजी के शिक्षक ने चिंटू जी से कहा, इस वाक्य को पूरा करें, “Early to bed and early to rise…” चिंटू जी ने तुरंत उत्तर दिया, “Install WiFi, at your home this is my advice.” इस तरह की घटनाओं के बाद, चिंटू जी के टीचर भी उनसे कुछ पूछने से कतराने लगे। समय का पहिया घुमा और चिंटू जी एक कॉलेज में पहुंच गए। यहाँ भी उनका जलवा कुछ कम नहीं हुआ।

Majedar Comedy Kahani: कॉलेज में चिंटू जी

उम्र के साथ-साथ चिंटू जी की दाढ़ी मूंछ आ गई थी। स्कूल के बाद, मस्तमौला चिंटू जी ने कभी शेव नहीं की और बाल भी कटवाने छोड़ दिए। स्कूल की बंदिश से मिली, अपनी इस आजादी से वह काफी प्रसन्न थे। अब दाढ़ी जो बढ़नी शुरू हुई तो काफी बड़ी हो गई। एक दिन कॉलेज के प्रिंसिपल की नजर चिंटू जी पर पड़ गई। उन्होंने चिंटू जी के बारे में पता करके, उनके एक प्रोफेसर से बोला कि इस लड़के को लेकर मेरे ऑफिस में आओ।

Majedar Comedy Kahani: प्रिंसिपल की नजर में खटके

प्रोफेसर तो चिंटू जी के बारे में सब जानते थे तो वह चिंटू को समझा कर बोले, प्रिंसिपल ने तुम्हें बुलाया है। वहां जाकर कुछ उल्टा पुल्टा मत बोलना। प्रोफेसर और चिंटू जी प्रिंसिपल से मिलने उनके ऑफिस में पहुंचे। प्रिंसिपल ने देखा की यह लड़का पढ़ने में तो होशियार है, लेकिन इसका रहन सहन उचित नहीं है। उन्होंने आते ही चिंटू जी से पूछा कि तुम ने यह दाढ़ी क्यों बड़ा रखी है? चिंटू जी अपनी आदत के अनुरूप ही बोले, मैं आपके सवाल का उत्तर दूंगा, लेकिन पहले आप मेरे एक सवाल का उत्तर दीजिए। प्रिंसिपल ने कहा, “पूछो।”

Majedar Comedy Kahani: दाढ़ी की कहानी

An Animated man with a long beard.

चिंटू जी बोले, मैंने दाढ़ी बढ़ा रखी है या आपने कटवा रखी है? चिंटू जी का प्रश्न सुनते ही प्रिंसिपल चारों खाने चित्त हो गए। उन्होंने कहा मैं सोच कर बताऊँगा। चिंटू जी ने कहा, ठीक है ! “मैं आपसे कल आकर मिलूंगा”। चिंटू जी के ऐसा कहने पर प्रोफेसर को कोई हैरानी नहीं हुई, क्योंकि वह चिंटू की बेबाकी (धृष्टता) से अवगत हैं। चिंटू जी के जाने के बाद, प्रिंसिपल ने बहुत विचार किया लेकिन उनको इस सवाल का कोई जवाब नहीं सुझा। अगले दिन चिंटू जी अपने उत्तर के लिए सीधे प्रिंसिपल के पास पहुंच गए, लेकिन प्रिंसिपल के पास उस सवाल का कोई जवाब नहीं था।

Majedar Comedy Kahani: प्रिंसिपल ने मानी हार

उन्होंने किसी तरह से चिंटू जी को टाला और माना कि उनके पास चिंटू जी के सवाल का कोई जवाब नहीं है। इसके बाद प्रिंसिपल ने कभी भी चिंटू जी और उनकी कुछ अजीब हरकतें देखने के बाद भी कोई प्रश्न नहीं किया। ना सिर्फ प्रोफेसर और प्रिंसिपल चिंटू जी तो अपने सहपाठियों को भी नहीं छोड़ते थे। एक दिन चिंटू जी अपने सहपाठियों के साथ कॉलेज कैंटीन में समोसा खा रहे थे। उनके एक मित्र ने बोला, समोसा खाकर मजा आ गया। चिंटू जी तपाक से बोले! “कहाँ से आ गया”? “क्या मजा कहीं गया हुआ था? मुझे भी तो मजे से मिलवाओ।” अब वह मित्र बगले झाँकनें लगा।

Majedar Comedy Kahani: चिंटू जी की लगी नौकरी

इस तरह की खतरनाक सोच वाले चिंटू जी कैसे आज तीर की तरह सीधे हो गए हैं। इसकी अलग ही कहानी है। कॉलेज की पढ़ाई पूर्ण करने के बाद, चिंटू जी नौकरी के लिए गए, तो उनका हुलिया देख कर और उनका बौद्धिक स्तर देख कर साक्षात्कार लेने वाले असमंजस में थे कि उनको नौकरी पर रखें या ना रखें। चिंटू जी का बौद्धिक स्तर भारी पड़ा और उनको नौकरी मिल गई। अब चिंटू जी की माँ उनकी शादी करवाने के लिए उनके पीछे पड़ गई। चिंटू जी के लाख मना करने पर भी, उनकी माँ ने उनको शादी के लिए राजी कर लिया।

Majedar Comedy Kahani: हार गए चिंटू जी

माँ की बात मान कर चिंटू जी ने पहली बार अपनी दाढ़ी कटवाई और ढंग के कपड़े पहन कर लड़की देखने गए। इस तरह से चिंटू जी की शादी हुई। शादी के बाद, चिंटू जी की एक ना चली।अब उनकी “पत्नी की तूती बोलती है”।वो जो कहती हैं, उसके हिसाब से ही चिंटू जी को चलना पड़ता है। अब आप समझ गए होंगे कि शादी क्यों जरुरी है? कमेंट में आप इस बारे में अपने विचार भी प्रस्तुत कर सकते हैं।

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