गर्मियों की छुट्टियों में मेरा भांजा मेरे पास रहने के लिए आया हुआ था। हम सब शाम को रोज नदी किनारे घूमने जाते थे और जब मन करता था तो उसमें...
...स्नान भी कर लेते थे। हम एक दोस्त की तरह एक दूसरे से बातें कर लेते थे। मैंने महसूस किया कि...
...मेरा भांजा कुछ उदास है। पूछने पर उसने मुझे अपनी प्रेमिका के बारे में बताया। वह अन्य जाति की थी। वह बोला कि हम दोनों एक दूसरे से बहुत प्यार करते हैं, लेकिन...
...लड़की के माता पिता हमारे संबंध से संतुष्ट नहीं थे। अब वह अपने दिल की कशमकश में उलझा पड़ा था, वह अपनी शंका का निवारण चाहता था। मैंने गम में...
...डूबे हुए भांजे को व्यंग्य भरे शब्दों में समझाने की चेष्टा की...
दो बातों को तुम कभी भी भूल जाना नहीं।मुसीबत में घबराना नहीं और ठंड में नहाना नहीं।