सोच कर बताएगा

सोच कर बताएगा

शादी से पहले और शादी के बाद की आदमी की जिंदगी एक दम बदल जाती है।

शादी से पहले हम पूरी तरह से स्वतंत्र होते है और हमारे ऊपर परिवार की कोई जिम्मेदारी नहीं होती।

हम कहीं पर भी आने जाने के लिये सिर्फ अपने माता पिता से पूछते हैं या हठ करते हैं।

लेकिन शादी के बाद यह सब संभव नहीं होता। घर पर पत्नी और बच्चे भी होते हैं और उनका भी दायित्व हमारे ऊपर होता है।

इसी परिस्थिति को बयान करने के लिए पेश है एक व्यंगात्मक जोक| सुनिए और अगर आप शादीशुदा हैं तो आप अपने को ऐसा ही महसूस करेंगे: