पुराने समय में जब संचार क्रांति नहीं हुई थी, तो लोग अपने रिश्तेदारों से पत्र के माध्यम से सम्पर्क में रहते थे। आजकल तो हर व्यक्ति संचार क्रांति का जीवन्त उदाहरण बन गया है। लेकिन...

...आजकल रिश्तों में वो जज्बात नहीं रह गए हैं। यहां तक कि एक ही घर में सब लोग साथ रहते हुए भी अपने मोबाइल पर व्यस्त रहते हैं और पास होकर भी आपस में बातचीत करने का दिल नहीं करता या...

...फिर समय मिलने पर भी साथ होकर भी हम अपनी दुनिया में मगन रहते हैं। घर और ऑफिस की तमाम जिम्मेदारियों के बावजूद भावनाओं को एक दूसरे के प्रति व्यक्त करने से रिश्तों में मजबूती आती है। आजकल...

...हम लोग दीपावली जैसे त्यौहार पर भी रिश्तेदारों को मैसेज भेज कर अपना कर्त्तव्य पूरा हुआ समझ लेते हैं, लेकिन कुछ बुजुर्ग लोग इस पर तंज कसते हुए क्या कहते हैं आनंद से विभोर हो कर सुनिए :