हम काफी छोटे थे। हमारे शहर के अंदर एक कवि सम्मेलन आयोजित हुआ था। हम चार दोस्त वहां पर गए। हमें पता नहीं था कि कवि सम्मेलन में क्या होता है...

...उस कवि सम्मेलन के अंदर तो हम को कुछ भी मजा नहीं आया, क्योंकि वह बोरिंग था। कवि अपने लिखे हुए काव्य को श्रोताओं के बीच उड़ेल रहे थे...

भले ही किसी को समझ में आये या ना आए। हम समझते हैं कि राष्ट्र की संस्कृति उस राष्ट्र की आत्मा होती है।देश की सफलता संस्कृति एवं युवाओं पर निर्भर है...

...कवि सम्मेलन में आए कवियों ने जहां सामाजिक एवं राजनीतिक व्यवस्था पर तंज कसें। मेरे दोस्त ने भी व्यंग्य के रूप में कुछ ऐसा कहा, जिससे सम्मेलन में आए कवि निशब्द हो गए...