मैं और मेरा दोस्त स्कूटी पर कहीं जा रहे थे। सामने से एक बाइक वाले ने आकर हमारी स्कूटी को टक्कर मारी। हम दोनों गिरते गिरते बचे...

...हमारी स्कूटी और उस आदमी की बाइक को थोड़ा नुक्सान हुआ। आजकल किसी में भी धैर्य तो है नहीं, किसी की गलती को माफ कर दे। मेरे दोस्त...

...और उस बाइक वाले में कहासुनी होने लगी। बात इतनी बढ़ गई की, उस बाइक वाले आदमी ने मेरे दोस्त को एक तमाचा जड़ दिया। वह काफी हट्टा कट्टा था। ...

....अब मेरा दोस्त उसको पलट के मार भी नहीं सकता था। बीच-बचाव के बाद मैंने मामला शांत करवाया और अपने दोस्त को समझाया: